एयरक्राफ्ट संशोधन बिल को मंजूरी, लापरवाही के मामलों में एक करोड़ रुपए तक जुर्माने का प्रावधान

नई दिल्ली. कैबिनेट ने बुधवार को कई अहम फैसले लिए। एयरक्राफ्ट (संशोधन) बिल को मंजूरी दी गई। इसके तहत एयर सेक्टर का रेग्युलेशन और मजबूत होगा। एयरक्राफ्ट ऑपरेशन में लापरवाही के मामलों में अब 1 करोड़ रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकेगा। पहले इसकी अधिकतम सीमा 10 लाख रुपए थी।


एनबीएफसी, एचएफसी के लिए फंडिंग आसान होगी
वित्तीय रूप से मजबूत नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) के एसेट्स को सरकारी बैंकों द्वारा खरीदने के लिए आंशिक क्रेडिट गारंटी स्कीम की शर्तों में ढील देने की मंजूरी दी गई। बैंक अब एनबीएफसी और एचएफसी की BBB+ रेटिंग वाले एसेट्स भी खरीद सकेंगे। पहले न्यूनतम AA रेटिंग होने की शर्त थी। नकदी संकट से जूझ रहे एनबीएफसी और एचएफसी सेक्टर के लिए अब फंड जुटाना आसान हो जाएगा। उन्हें कर्ज बांटने के लिए ज्यादा रकम मिलेगी तो अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।


सरकार ने इस साल बजट में क्रेडिट गारंटी स्कीम का ऐलान किया था। अगस्त में इसे छह महीने के लिए लागू किया गया था। अब इसकी समय सीमा 30 जून 2020 तक बढ़ा दी गई है। इसके तहत 1 लाख करोड़ रुपए के एसेट्स खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। जो बैंक एसेट्स खरीदेंगे सरकार उन्हें उचित मूल्य के 10% तक नुकसान की स्थिति में भरपाई की गारंटी देगी।


आईआईएफसीएल के लिए अधिकृत राशि 6000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 25000 करोड़
एक अन्य फैसले में इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (आईआईएफसीएल) के लिए चालू वित्त वर्ष में 5,300 करोड़ रुपए की अतिरिक्त रकम और अगले वित्त वर्ष में 10,000 करोड़ रुपए की रकम मुहैया करवाने की मंजूरी दी। आईआईएफसीएल के लिए अधिकृत राशि 6,000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 25,000 करोड़ करने की मंजूरी भी दी गई। इससे आईआईएफसीएल बड़े इन्फ्रा प्रोजेक्ट को फाइनेंस कर पाएगी।


एनएचएआई पूरे हो चुके हाइवे प्रोजेक्ट का निजीकरण कर सकेगा
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट स्थापित करने की मंजूरी मिली। एनएचएआई अब पूरे हो चुके नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट्स का निजीकरण कर सकेगा।


इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (द्वितीय संशोधन) बिल मंजूर
दिवालिया प्रक्रिया के तहत अब किसी कंपनी के नए खरीदार को पूर्व प्रमोटरों के अपराधों की वजह से दिक्कत नहीं होगी। इससे इससे दिवालिया प्रक्रिया आसान होगी।



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